रिश्वत लेने व फर्जी डिग्री से नौकरी करने के आरोप
सीधी। शासकीय महाविद्यालय कुसमी में पदस्थ अतिथि विद्वान एवं ग्रंथपाल ऋषिकेश सोधिया पर रिश्वत लेने और फर्जी डिग्री के माध्यम से नौकरी करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
Report by Radha Tiwari.
Sidhi: दिनांक 13 अप्रैल 2025 को एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह एक छात्रा से ₹200 लेते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। आरोप है कि यह राशि परीक्षा परिणाम में सुधार करने के नाम पर ली गई है।
Sidhi: वायरल वीडियो को पूनम सिंह द्वारा भोपाल स्थित उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर को वॉट्सऐप पर भेजा गया था, जिसके बाद मामला संज्ञान में आते ही रीवा के सहायक निदेशक को जांच हेतु निर्देशित किया गया।
जांच के दौरान कॉलेज स्टाफ के केबी मिश्रा, जो उस समय प्राचार्य कक्ष में उपस्थित थे, उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया कि पैसे लिए गए हैं। पीड़ित छात्रा प्रांशी लखेरा ने भी लिखित बयान के माध्यम से आरोपों की पुष्टि की है।
Sidhi: इस शिकायत को सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई में भी दर्ज कराया गया, लेकिन! छात्रा के कथन अनुसार उस शिकायत को बिना सहमति के ही दबा दिया गया।
आरोप यह भी है कि कॉलेज में छात्रों को पुस्तकें नहीं दी जातीं और शासकीय संपत्ति जैसे कुर्सी-टेबल इत्यादि को निजी उपयोग में लाए जाते हैं।
Sidhi: इसके साथ ही शासकीय महाविद्यालय कुसमी में पदस्थ ऋषिकेश सोधिया द्वारा विनायक मिशन यूनिवर्सिटी से प्राप्त एम.फिल डिग्री की वैधता पर भी सवाल उठाए गए हैं।
आरोप है कि एम. फिल डिग्री की मार्कशीट में अनियमितताएं हैं। और वह दूरस्थ शिक्षा से प्राप्त की गई है, जिसे उच्च शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार मान्य नहीं किया गया है।
Sidhi: आरोप है कि लगभग 15 वर्षों से वह इसी संदिग्ध डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। जिससे कि अब पूरे मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि अब यह देखना है कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है?
गौरतलब है कि पूरा का पूरा मामला उजागर होने और मामले की शिकायत होने के उपरांत भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।