Monday, December 23, 2024
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Sai Baba: साईं की प्रतिमा हटाने के बाद शुरू हुआ बवाल

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Sai Baba: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की मंदिरों से हटाई गई साईं की मूर्ति

Sai Baba: शिरडी वाले साईं को लेकर एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश में मंदिरों से साईं की प्रतिमा को हटाने को लेकर महाराष्ट्र तक की सियासत गरमा गई है।

Sai Baba: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाई गई हैं। इसके बाद से अब देशभर में बवाल सा मचा हुआ है। साईं के जन्म एवं जाति व धर्म इत्यादि को लेकर लोगों के द्वारा अपनी अपनी अलग-अलग राय दी जा रही है और विवाद शुरू हो चुका है।
Abplive.com की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाने के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है और अब इस मुद्दे को लेकर राजनीति काफी गरमाई हुई है।

 

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Sai Baba: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावन कुले एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नाराजगी जाहिर की है। जहां एक और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावन कुले ने कहा है कि मैं स्वयं एक साईं भक्त हूं और मुझे साईं मंदिर जाते लगभग 3 दशक से अधिक समय हो चुका है। साईं बाबा के साथ बुरा बर्ताव किया गया है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। तो वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट ने कहा है कि साईं बाबा जाति मत पंथ से ऊपर है और वह धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक है। उनके साथ उचित नहीं किया गया है।

 

साभार गूगल

 

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Sai Baba: साईं प्रतिमा को हटाने के बाद अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी अपना रोष प्रकट करते हुए कहा है कि सनातन धर्म में कुल 127 संप्रदाय हैं, ऐसे में एक दूसरे की मान्यता आपस में मेल ना खाती हो तो इसका अभिप्राय यह नहीं है कि हम किसी का अपमान करें।

Sai Baba: जितेंद्रानंद सरस्वती ने महाराष्ट्र में होने जा रहे चुनाव को लेकर कहा यह एक राजनीतिक गहरी साजिश हो सकती है ताकि महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव प्रभावित किया जा सके। उन्होंने कहा कि साईं बाबा हमारे लिए एक संत हैं और हमें उनका सम्मान करना चाहिए। किसी को भी किसी का अपमान करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है; जिस प्रबंधन के द्वारा साईं की प्रतिमा हटाने का कार्य किया गया है, 8 वर्ष पूर्व वहीं पर प्रतिमा की स्थापना की गई थी।

 

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Sai Baba: एबीपी लाइव डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जिस प्रबंधन द्वारा प्रतिमा की स्थापना पूरे विधि विधान से की गई उसकी आस्था 8 वर्षों बाद अनास्था में कैसे परिवर्तित हो गई? जितेंद्रानंद सरस्वती ने आरोप लगाते हुए कहा कि संभव है कि हिंदुओं को बांटने के उद्देश्य से कोई राजनैतिक गहरी साजिश हो सकती है।

 

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Sai Baba: जितेंद्र सरस्वती ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए, क्योंकि यह हिंदुओं को अलग-अलग धड़ों में बांटने का एक गहरा षड्यंत्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि साईं को हम ईश्वर नहीं मानते हैं, परंतु! संत के रूप में हम उनका सम्मान करते हैं। और किसी भी संत का अपमान स्वीकार्य नहीं है।

 

Sai Baba: साईं बाबा की मूर्ति को वाराणसी की मंदिरों हटाने के बाद देश भर में अब लगातार विवाद जारी हो चुकी है। ऐसे में हर कोई अपने अपने तर्क प्रस्तुत कर रहा है।

 

SUPRIYA SURAJ GUPTA, JABALPUR.

सुभाष कुमार पाण्डेय
सुभाष कुमार पाण्डेयhttp://hindmirror.in
प्रधान संपादक (Hind Mirror)

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