Monday, December 23, 2024
Monday, December 23, 2024
HomeBharatNews: जानें मंगल ग्रह पर कैसा होगा जीवन? क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

News: जानें मंगल ग्रह पर कैसा होगा जीवन? क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

-

Supriya Suraj Gupta, Jabalpur.

News: मंगल ग्रह पर इंसानों के जीवन को लेकर वैज्ञानिक लंबे समय से शोध कर रहे हैं, और अब हमें यह पता चल रहा है कि मंगल पर जीवन संभव हो सकता है। वहां हमें ऑक्सीजन और पानी मिल चुका है, हालांकि, ऑक्सीजन का स्तर पृथ्वी के मुकाबले कम है, जिससे सांस लेने में कुछ दिक्कत हो सकती है। इसके बावजूद, इंसान मंगल ग्रह पर जाकर बस सकते हैं और वहां जीवन की संभावनाएं देखी जा रही हैं।

News: जल संबंधी समस्या से जूझ रहा शासकीय महाविद्यालय चुरहट 

 

News: एबीपी न्यूज की वेबसाइट में प्रकाशित हुई एक खबर के अनुसार हाल ही में यह चर्चा शुरू हो गई है कि मंगल ग्रह पर जमीन खरीदने का काम भी शुरू हो चुका है। कई लोग वहां भविष्य में रहने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही, वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर इंसानों के जीवन में संभावित शारीरिक और विकासवादी बदलावों पर भी शोध किया है।

Business: महिलाओं को यह कुर्ता सेट देगा लाजवाब लुक 

 

News: एबीपी न्यूज की न्यूज वेबसाइट के अनुसार डॉक्टर सालमन ने अपनी किताब “फ्यूचर ह्यूमंस” में लिखा है कि मंगल पर इंसानों का जीवित रहना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। टेक्सास स्थित राइस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉक्टर स्कॉट सॉलमन के अनुसार, मंगल ग्रह की स्थिति और वहां के वातावरण के कारण इंसानों में कुछ गंभीर शारीरिक बदलाव हो सकते हैं। वहां का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के मुकाबले लगभग 30% कम है और वहां चुंबकीय क्षेत्र व ओजोन परत भी नहीं है। इसका मतलब यह है कि मंगल पर इंसान सीधे सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों और अंतरिक्ष से आने वाले रेडिएशन के संपर्क में होंगे।

Cricket: ग्वालियर में खेला जाएगा भारत बांग्लादेश क्रिकेट मैच 

 

News: डॉक्टर सॉलमन ने बताया कि मंगल ग्रह पर रह रहे इंसानों की त्वचा का रंग रेडिएशन के प्रभाव के कारण बदल सकता है। उनके अनुसार, हो सकता है कि हमारी त्वचा में एक नया पिगमेंट विकसित हो जो हमें रेडिएशन से बचाए, और यह पिगमेंट हमें हरा बना सकता है। इस म्यूटेशन के कारण इंसान हरे रंग के दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा, मंगल की कम गुरुत्वाकर्षण शक्ति और उच्च रेडिएशन के कारण इंसानों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, हड्डियां भंगुर हो सकती हैं, और नजर कमजोर हो सकती है।

साभार गूगल

News: इसके अलावा मंगल पर गुरुत्वाकर्षण कम होने के कारण महिलाओं को प्रसव के दौरान गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मंगल पर रहने वाले इंसानों की नजर कमजोर हो सकती है, जिससे वे छोटे समूहों में रहेंगे ताकि उन्हें दूर तक देखने की जरूरत न पड़े। इन सभी शारीरिक और विकासवादी परिवर्तनों के बावजूद, वैज्ञानिकों का मानना है कि इंसान मंगल ग्रह पर बस सकते हैं, लेकिन वहां जीवन बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा।

Breaking: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने लगाए लव जिहाद के आरोप 

News: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी 2030 के दशक तक मंगल पर इंसानों को भेजने की योजना बना रही है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो अगले 30 वर्षों में मंगल पर इंसानों की बस्तियां हो सकती हैं। इस दिशा में शोध और तकनीकी विकास तेजी से हो रहे हैं ताकि मंगल पर जीवन की संभावना को वास्तविकता में बदला जा सके।

News: मंगल ग्रह पर इंसानों का जीवन न केवल हमारे शारीरिक रूप को बदल सकता है, बल्कि यह हमारे पूरे जीवन के ढांचे को बदलने की क्षमता रखता है। हालांकि वहां बसना एक बड़ा वैज्ञानिक और तकनीकी चुनौती है; लेकिन! यह इंसानी विकास और अन्वेषण के लिए एक नया अध्याय भी खोल सकता है। हालांकि अब देखना यह है कि क्या वाकई वैज्ञानिक अपने इस कार्य में सफल हो पाएंगे या फिर यह मात्र एक सपना बन कर रह जाएगा।

सुभाष कुमार पाण्डेय
सुभाष कुमार पाण्डेयhttp://hindmirror.in
प्रधान संपादक (Hind Mirror)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here