Crime: आरोपियों का दावा: मंदिर का करना चाहते थे जीर्णोद्धार
Crime: कुसमी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले अंतर्गत आदिवासी बहुल कुसमी क्षेत्र में हजारों वर्ष पूर्व बने मंदिर की चोरी होने की सनसनीखेज घटना के बाद पुलिस ने कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
Crime: पुलिस की प्रारंभिक जांच के उपरांत यह मामला अब और भी उलझा हुआ प्रतीत होता है, क्योंकि गिरफ्तार हुए आरोपी अब दावा कर रहे हैं कि वे मंदिर की चोरी नहीं कर रहे थे, अपितु! उसका जीर्णोद्धार करना चाहते थे। वन के बीच हजारों वर्ष पूर्व बने मंदिर के चोरी की इस घटना ने पूरे मामले ने प्रदेशभर में सनसनी फैला कर प्रशासनिक महकमों में हलचल मचा दी है।
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ऐतिहासिक मंदिर की चोरी और प्रशासनिक जांच
Crime: सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र में स्थित एक हजारों वर्ष पूर्व बने मंदिर के अचानक गायब होने की खबर ने स्थानीय लोगों के बीच हलचल पैदा कर दी थी, उसके बाद पूरे प्रदेश में इस घटना ने शासन प्रशासन को झकझोर कर रख दिया; परंतु! ऐसा हो भी क्यों ना? मंदिर का चोरी होना लोगों की आस्था को पूरी तरह से ठेस पहुंचाने का कार्य था। बताया जा रहा है कि यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना था और स्थानीय लोग इस मंदिर को लेकर विशेष श्रद्धा रखते थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और घटनास्थल पर जाकर साक्ष्य जुटाए।
Crime: गांव के सरपंच सूर्य किरण सिंह ने मामले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मंदिर के स्थल पर जेसीबी के माध्यम से खुदाई शुरू करवाई, जिसके दौरान मंदिर के कुछ अवशेष और मूर्ति बरामद हुई। खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष लगभग 10 फीट नीचे पाए गए। इसके बाद जब मूर्ति भी मिल गई, तब पुलिस ने इसे मंदिर चोरी से जोड़कर देखा और तुरंत कार्रवाई की।
आरोपियों की गिरफ्तारी और उनका दावा
Crime: पुलिस ने घटना में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अमित सिंह, दीपक सिंह, प्रदीप साहू और रामजी साहू शामिल हैं। इनमें से दो आरोपी जेसीबी चालक हैं, जिन्होंने कथित रूप से मंदिर को हटाने का प्रयास किया था। आरोपियों का दावा है कि उनका उद्देश्य मंदिर को चुराना नहीं, बल्कि उसके जीर्णोद्धार के लिए खुदाई करना था।
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आरोपियों का दावा: मंदिर जीर्णोद्धार का उद्देश्य
Crime: मुख्य आरोपी अमित सिंह ने पुलिस को बताया कि उसकी मां कालिका से एक बड़ी मन्नत थी, जो पूरी हो चुकी थी। मन्नत पूरी होने के बाद उसने निर्णय लिया कि वह मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा। इसी उद्देश्य से उसने जेसीबी से इस ऐतिहासिक मंदिर की खुदाई शुरू करवाई। हालांकि, खुदाई के दौरान मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया और डर के मारे वह वहां से भाग गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने यह अफवाह फैला दी कि मंदिर चोरी हो गया है। आरोपी अमित सिंह का दावा है कि उसकी मंशा केवल मंदिर का जीर्णोद्धार करना था, लेकिन लोगों ने इसे गलत तरीके से समझ लिया।
पुलिस की कार्रवाई और साक्ष्य
Crime: कुसमी थाना प्रभारी भूपेश बैस ने जानकारी देते हुए बताया है कि मंदिर चोरी की इस घटना को लेकर पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने मंदिर के अवशेषों को बरामद कर लिया है, जिसमें देवी मां की मूर्ति भी शामिल है। जेसीबी चालक और अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पूरे मामले में कुल चार लोगों को आरोपी माना गया है, जिनमें दो जेसीबी के चालक और दो अन्य व्यक्ति शामिल हैं।
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पुलिस द्वारा की जा रही कानूनी कार्रवाई
Crime: पुलिस इन आरोपियों से अभी और भी पूछताछ कर रही है ताकि इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके। फिलहाल आरोपियों पर चोरी और धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या वास्तव में यह जीर्णोद्धार का मामला था या इसके पीछे कोई और योजना थी? मंदिर के अवशेष और मूर्ति की बरामदगी के बाद स्थानीय लोगों में थोड़ी राहत है, लेकिन! वे अभी भी इस घटना से दुःखी और विचलित हैं।
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स्थानीय प्रतिक्रिया और धार्मिक महत्व
Crime: कुसमी के इस मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व स्थानीय समुदाय के लिए काफी गहरा है। यहां के लोग इस मंदिर से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और इस घटना ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। हालांकि, मंदिर के अवशेष और मूर्ति की बरामदगी के बाद लोग थोड़े शांत हुए हैं, परंतु! वे मंदिर के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
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Crime: इस घटना के बाद स्थानीय जन द्वारा सरकार और प्रशासन से भी अपेक्षा की जा रही है कि वे ऐसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और दोषियों के विरूद्ध कठोर कारवाई की जाए।