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Breaking: प्रशासनिक आदेश की खुलेआम अवहेलना

Breaking: स्थगन आदेश के बावजूद जबरन किया जा रहा मकान निर्माण

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Breaking: सीधी जिले के चुरहट तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोल्हुडीह में प्रशासनिक आदेश को ही अनदेखा करते हुए मकान निर्माण किए जाने के आरोप लगे हैं। ग्राम कोल्हूडीह के खसरा नंबर 505/1/1, 505/1/2 एवं 505/1/3 की भूमि पर चल रहे विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। इस जमीन को लेकर उपखंड अधिकारी चुरहट द्वारा स्पष्ट रूप से स्थगन आदेश भी जारी किया गया है, किंतु! फिर भी दबंगई थमने का नाम नहीं ले रही है।

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Breaking: शिकायतकर्ता अभरी पाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि खसरा नंबर 505/1/1, 505/1/2 एवं 505/1/3 की 1.00 हेक्टेयर भूमि में स्थगन आदेश के बावजूद उनके ही सगे रिश्तेदार प्रहलाद पाल ने खुलेआम कानून को ठेंगा दिखाते हुए घर निर्माण कर रहे है।

थाना कमर्जी

Breaking: जब उन्होंने विरोध किया, तो प्रहलाद पाल अन्य लोगों के साथ मिलकर मारपीट पर उतारू हो गया। शिकायतकर्ता ने मीडिया को स्थगन आदेश की कॉपी दिखाते हुए बताया कि उपखंड अधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि अगला आदेश आने तक किसी भी प्रकार की गतिविधि भूमि पर नहीं की जा सकती, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है।

शिकायतकर्ता अभरी पाल

Breaking: शिकायतकर्ता अभरी पाल ने सुरक्षा की मांग करते हुए कमर्जी थाना पहुंचकर शिकायती आवेदन भी दिया है। वहीं जब इस पूरे मामले पर कमर्जी थाना प्रभारी से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने बताया कि “भूमि संबंधी विवाद उपखंड अधिकारी चुरहट के पास विचाराधीन है और उपखण्ड अधिकारी द्वारा दिनांक 31 जुलाई 2025 को नया स्थगन आदेश लागू किया गया है।

Breaking: कमर्जी थाना प्रभारी विवेक द्विवेदी ने आगे कहा है कि स्थगन आदेश का पालन कराने हेतु संबंधित बीट अधिकारी को निर्देशित किया गया है। वहीं शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत मिलने पर पुलिस टीम ने घटनास्थल पहुंचकर निर्माण कार्य को तत्काल रुकवाया है और स्थिति को शांत भी कराया है।”

उपखण्ड अधिकारी चुरहट द्वारा जारी नवीन स्थगन आदेश

हालांकि, यह सवाल अभी भी बरकरार है कि प्रशासनिक आदेशों के बावजूद निर्माण कार्य पूरा क्यों किया जा रहा? क्या स्थगन आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित हैं? और अगर पुलिस ने मौके पर जाकर निर्माण रोका, तो वह पहले ही क्यों नहीं रोका गया?

 

Breaking: पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामला गरमाता जा रहा है और अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक आंख मूंदे बैठा रहेगा।

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