Hospital: तड़पते रहे मासूम, लेकिन! समय से नहीं हुआ उपचार 

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Hospital: प्राथमिक उपचार उपरांत जिला अस्पताल रेफर

Hospital: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार कई महीनो से चरमराई हुई है। जिले भर के अलग-अलग सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रोगियों को सही समय पर सही उपचार नहीं मिल रहा है, हालात अब ऐसे हो चुके हैं कि लोगों को अपना उपचार करने के लिए निजी चिकित्सालयों का सहारा लेना पड़ रहा है; जहां लोगों को हजार रुपए से लेकर लाखों रुपए तक की चपत लग रही है।

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Report by Subhash Kumar Pandey

Hospital: सीधी जिले के मझौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ताला से एक ऐसा ही मामला निकलकर सामने आया है, जिसमें सीधी-शहडोल मुख्य सड़क मार्ग में 26 दिसंबर 2024 को दोपहर के समय तेज रफ्तार कार का टायर फटने से कार की चपेट में आकर चचेरे भाई-बहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए।

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Hospital: सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 वर्षीय नाबालिग बालिका दामिनी, पिता प्रेमलाल यादव, उम्र लगभग 13 वर्ष एवं चचेरा भाई प्रासू, पिता समय लाल यादव, उम्र लगभग 8 वर्ष, निवासी ग्राम ताला जिला सीधी कार का टायर फटने से कार की चपेट में आ गए और घायल हो गए। बहन दामिनी अपने छोटे चचेरे भाई प्रासू को साइकिल में बिठाकर विद्यालय पहुंचने जा रही थी, उसी दौरान व्यौहारी की ओर से तेज रफ्तार में आ रही कार जैसे ही मोड पर पहुंची, दोनों भाई-बहन एकाएक कार के सामने आ गए और चालक द्वारा वाहन में ब्रेक लगाने पर कार अनियंत्रित हो गई जिससे उसके बायीं ओर के दोनों टायर फट गए।

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Hospital: कार के टायर फटने से घायल दामिनी की साइकिल में धक्का लग गया और दोनों ही चचेरे भाई-बहन साइकिल से गिर गए। जिन्हें तत्काल ही घायल अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली ले जाया गया। जहां ड्यूटी पर उसे समय केवल एक ही स्टाफ नर्स उपस्थिति मिली। हालांकि उस समय स्टाफ नर्स को प्रसव केंद्र की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी और इस दौरान दो प्रसूताओं का प्रसव कराना भी आवश्यक था।

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Hospital: इस दौरान ऐसे में ही दोनों मासूमों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार हेतु लाया गया, परंतु! ऐसे में स्टाफ नर्स के लिए दोनों मासूमों का प्राथमिक उपचार करना भी कठिन लग रहा था। दोनों ही घायल मासूम उपचार के लिए घंटों तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली के बेड पर तड़पते रहे और अस्पताल के एकमात्र स्टाफ नर्स के अलावा अन्य लोग गायब नजर आए। अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही पर वहां उपस्थित लोगों ने नाराजगी जताई।

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Hospital: गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में पर्याप्त मात्रा में स्टाफ है, परंतु! आए दिन इस तरह के मामले देखने को मिलते ही रहते हैं। घटना के संबंध में जब डॉक्टर राकेश तिवारी को मोबाइल के माध्यम से जानकारी दी गई उसे समय वह है फील्ड के कार्य से बाहर गए हुए थे उन्होंने अस्पताल में पहुंचकर घायलों का प्राथमिक उपचार करवाया और उसके उपरांत दोनों मासूमों को गंभीर अवस्था के कारण जिला चिकित्सालय सीधी हेतु रेफर कर दिया है।

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