निजी भूमि पर जुताई करने से रोकते हैं सरहंग, जिला कलेक्टर से की शिकायत
Revenue: सीधी। मध्य प्रदेश के सीधी जिले की मझौली तहसील अंतर्गत ग्राम धनिगवां से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने पुलिस विभाग पर आरोप लगाया है कि उसकी शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, बल्कि उसे ही परेशान किया जा रहा है। ग्राम धनिगवां निवासी वशिष्ठ मुनि गुप्ता का कहना है कि उनकी निजी भूमि पर कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, और इस दौरान उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं। मामला तब और गंभीर हो गया जब पुलिस विभाग, जिसने उनके मामले में कार्रवाई करनी थी, ने उनकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया और उल्टे उनके खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली।
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शिकायतकर्ता ने दी घटना की जानकारी
Revenue: वशिष्ठ मुनि गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी भूमि उनके नाम पर ही है, और उन्हें सभी कानूनी दस्तावेज प्राप्त हैं जो उनके मालिकाना हक की पुष्टि करते हैं। लेकिन, उनके गांव के कुछ प्रभावशाली व्यक्ति, जिनके नाम जगदीश सिंह, युवराज सिंह और श्रवण कुमार सिंह हैं, उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इन व्यक्तियों ने वशिष्ठ मुनि गुप्ता को कई बार धमकी दी है कि वे अपनी जमीन को न जोतें और उनसे दूर रहें। उन्होंने बताया कि ये लोग उन्हें आए दिन फोन करके गालियां देते हैं और उनके खेत से दूर रहने की धमकी देते हैं।
वशिष्ठ मुनि गुप्ता ने बताया कि ये लोग उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं, जिससे उनका जीवन कठिन हो गया है। वे चाहते हैं कि वे अपनी भूमि का उपयोग न करें और अंततः उस पर कब्जा कर लें। लेकिन जब उन्होंने पुलिस में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाही, तो उनकी उम्मीदें धूमिल हो गईं।
पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
Revenue: सबसे गंभीर आरोप वशिष्ठ मुनि गुप्ता ने पुलिस विभाग पर लगाए हैं। उनका कहना है कि जब वे अपनी शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उनके शिकायत की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी परेशानी को अनदेखा किया। इसके बजाय, जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी, पुलिस ने उन लोगों से पैसे लेकर वशिष्ठ मुनि गुप्ता के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी।
वशिष्ठ मुनि गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मामले को पहले तहसील न्यायालय और सिविल न्यायालय में भी उठाया था। दोनों न्यायालयों ने उनके पक्ष में फैसले दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जमीन का मालिकाना हक उन्हीं का है। लेकिन आरोपी जगदीश सिंह, युवराज सिंह और श्रवण कुमार सिंह न्यायिक आदेशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। वे बार-बार गुप्ता को धमकियां दे रहे हैं और उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी जा रही है।
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शिकायतकर्ता ने जिला कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार
Revenue: इन सभी घटनाओं से परेशान होकर, वशिष्ठ मुनि गुप्ता ने 24 सितंबर 2024 को जिला पंचायत सीधी में आयोजित जनसुनवाई में जिला कलेक्टर के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई कि उनकी शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह से निराश हो चुके हैं क्योंकि पुलिस से उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही है, और अब उनके पास जिला प्रशासन के पास न्याय की अपील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
कानूनी पहलू और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
Revenue: वशिष्ठ मुनि गुप्ता का मामला दर्शाता है कि कैसे प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों पर दबाव बनाया जाता है और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जाता है। न्यायालयों में फैसले उनके पक्ष में होने के बावजूद, उन्हें उनकी जमीन से बेदखल करने की कोशिशें जारी हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस और प्रशासन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि उनका काम है कि वे शिकायतकर्ता की समस्याओं को गंभीरता से लें और निष्पक्ष जांच करें।
इस घटना के बाद, जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जनसुनवाई के दौरान वशिष्ठ मुनि गुप्ता की शिकायत सुनने के बाद जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
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निष्पक्ष जांच उपरांत पीड़ित को जल्द मिले न्याय
Revenue: वशिष्ठ मुनि गुप्ता का मामला यह दिखाता है कि किस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन से जुड़े विवादों को लेकर आम लोग परेशान होते हैं। इस प्रकार की घटनाएं यह भी उजागर करती हैं कि कई बार प्रशासनिक व्यवस्था में लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण पीड़ित व्यक्ति को न्याय नहीं मिल पाता है।
इस मामले में जिला प्रशासन की जांच के बाद ही पता चलेगा कि वास्तविकता क्या है, लेकिन यह साफ है कि वशिष्ठ मुनि गुप्ता जैसे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन को त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोका जा सके।